देहरादून, ब्यूरो
उत्तराखंड में डेंगू के मरीज़ों की लगातार बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पाँव फूलना लाज़मी है।सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने के कारण मरीज़ों को निजी अस्पतालों में भर्ती होना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से सक्षम मरीज़ों को इसका बहुत अधिक भार नहीं पड़ रहा है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज कराना खासा मुश्किल हो रहा है। जिस कारण वे सरकारी अस्पतालों में बैड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं।
इस दिशा में मंगलवार को सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने अधिकारियों संग बैठक की और निर्णय लिया कि आयुष्मान कार्डधारकों को निजी अस्पतालों में डेंगू का इलाज करने को अधिकृत किया जाए। जिससे उन्हें भी राहत मिल सके। इसके अलावा जनता के बीच यह भी अपील पहुंचाने का निर्णय लिया गया कि डेंगू होने पर केवल गंभीर स्थिति में ही अस्पतालों में भर्ती हुआ जाए। यह इलाज घर पर भी हो सकता है।स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को कहा है कि मरीज़ भर्ती करने के बाद सूचना आयुष्मान की नोडल एजेंसी को भी दी जाए।