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ढ़ाई साल में ढ़ाई सौ से कम कांग्रेस


ढ़ाई साल में ढ़ाई सौ से कम कांग्रेस

प्रीतम सिंह जी मानना पड़ेगा आपको, कितनी छोटी कांग्रेस कमेटी बनाई है। ढाई साल लगे तो क्या, यह काम भूसे के ढ़ेर में सुई ढूंढ़ने जितना आसान नहीं था।  आपको तो हीरे की खान से कोहिनूरों का ज़खीरा चुंगना था।

अध्यक्ष जी आपने यह तो साबित कर दिया है कि कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है। एक ढूंढो तो दर्जनों मिल जाएंगे। सचिव पुकारो तो डेढ़ दो दर्जन आ जाएंगे। नेताओं की भीड़ में कार्यकर्ताओं को ढूंढना कठिन होता है आपने अध्यक्ष बनने के बाद कहा था कि आपकी कमेटी में पचास से कम सदस्य होंगे। आप सहित 11 कांग्रेसी विधानसभा पहुंचे थे। सरकार और पार्टी के मुखिया चुनाव में खेत रहे थे। ऐसे में पचास से ज्यादा की कौन सोच सकता था। इतनी बड़ी सोच पहाड़ प्रेमी हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, हल्द्वानी वासी उत्तराखंड क्रांतिदल के नेताओं की ही हो सकती है।

बुधू को ये बात समझ में तब भी नहीं आई और आज भी नहीं आई है कि आप 11 जीत कैसे गये। कांग्रेस कहती है कि वोट की मशीन में गड़बड़ है।भाजपा वालों से गड़बड़ी हुई थी कि उन्होंने गलत बटन दबा दिए और 11 कांग्रेसी जीत गए। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके नेताओं ने ही गलत बटन दबा दिया हो। कांग्रेस में परंपरा रही है। पहले सुनते थे कि कांग्रेस को सिर्फ काँग्रेसी ही हरा सकते हैं।

आपको चिंतित नहीं होना चाहिए कि आपकी कमेटी को लेकर भीतर ही बवाल हो गया है। हरीश धामी मात्र विधायक हैं। आपने उनको प्रदेश सचिव बना दिया है। इससे बड़ा उपहार उनके लिए क्या हो सकता था। वैसे भी आपको धामी को पहले ही पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए था। आपको उक्रांदी नेताओं से यह रणनीतिक सीख लेनी चाहिए। वे जीतने वालों को पार्टी से बाहर कर देते हैं। बुधू की समझ में इती सी बात तो आती है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। आप उत्तर प्रदेश की विधानसभा में चुनकर पहुंचे थे। उत्तराखंड विधानसभा के सभी चुनाव जीते हैं। जनता के चुने नेताओं को पार्टी से निकालने का काम उन बड़े दिल वाले नेताओं का होता है जो ग्राम प्रधान तक नहीं बन सकते हैं। आप दस को निकालते तो भेदभाव का आरोप लगना ही था कि खुद को पार्टी से क्यों नहीं निकाला। 

अध्यक्ष जी अखबारों में चर्चा है कि आपने अपने पूर्ववर्ती अध्यक्ष के लोगों को जगह कम दी है। पर सोच लें कि अंजाम क्या होगा। उनके चेले बताते रहे हैं कि वह राजीव गांधी जी के सलाहकार थे। कांग्रेस की एक बड़ी मीटिंग में उन्होंने एक बड़ा रहस्य खोला था। उन्होंने बताया कि इंद्रमणि बडोनी को वह उत्तराखंड आंदोलन में लाए थे। बेचारे बडोनी मुफ़्त में उत्तराखंड के गांधी कहलाए। सोचिए वह कितने बड़े दिलवाले हैं। आपने उनको दरकिनार कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है।

चेता रहा हूँ कहीं आपको वह उत्तराखंड का राहुल गाँधी न बना दें। राहुल का मोदी मंत्र जाप भाजपा का च्यवनप्राश है । इसलिए उनको साधिए। उनके पास ऐसी घुटी है जो तीसरे विकल्प के दावेदारों को अपने अपनों में मस्त मस्त रखेगी। इसी में कांग्रेस की भलाई है।

                                       शुभचिंतक,
                        परन्तु किसी का नहीं, बुधू

                                 

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रैली के माध्यम से कैंसर के प्रति किया जागरूक

रैली के माध्यम से कैंसर के प्रति किया जागरूक

गढ़ निनाद समाचार 4 फरवरी 2020

नई टिहरी: आज चार फरवरी विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर लोगों में कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता  फैलाने के उद्देश्य से DPMI पैरामेडिकल संस्थान चंबा द्वारा चंबा शहर में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के समस्त छात्र-छात्राओं ने नगर क्षेत्र में लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया और साथ ही शहर भर में पम्पलेट के माध्यम से लोगों को कैंसर के लक्षण,कारण और कैंसर के प्रकार के विषय में जानकारी दी गयी ।

इस मौके पर संस्थान के प्रबंधक योगेश रमोला ने कहा की कैंसर की जानकारी ना होने के कारण हजारों लोग हर साल इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं । सही लक्षण नहीं पहचाने  और सही स्टेज में इलाज शुरू नहीं कर पाने के कारण अपनी जान गवा देते हैं । रमोला ने कहा कि कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही रैली निकाली गई । कहा कि अगर सही समय पर कैंसर के लक्षणों को पहचान कर जल्द ही इलाज शुरू कर दिया जाए तो कैंसर की बीमारी होने पर भी एक लंबा जीवन जिया जा सकता है।

संस्थान प्रबंधक योगेश रमोला, माधव नौटियाल, हरी कृष्ण, शिवानी, रूपा, एवं संस्थान के सभी विद्यार्थियों ने रैली में प्रतिभाग किया।

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गांव के चार दिन!

गांव के चार दिन!

अपने ग्रामीण क्षेत्र के चार दिवसीय भ्रमण के दौरान कई लोगो से जनसंपर्क करने का अवसर मिला। मैंने जो ख़ामियाँ देखी वह इस प्रकार हैं-

1- इस दौरान ग्रामीण कस्वो में भवन निर्माण बेतरतीब,(बिना आवागमन के मार्गो, सीवरेज, कूडा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था न होना) देखा गया है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो) मानचित्र स्वीकृत करने व अन्य व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के लिये  जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला विकास प्राधिकरण का गठन गत बर्षो में किया, जिसके सफल क्रियान्वयन के लिये संबंधित एसडीएम को प्राधिकृत किया गया है। लेकिन नये नगर निकायो व प्राधिकरण में समन्वय की कमी स्पष्ट नजर आर ही है। जो आने वाले भविष्य में विकट समस्या पैदा कर सकता है। राज्य सरकार संबंधित जिलाधिकारियो को इस दिशा स्पष्ट कार्यवाही करने के साथ ही नागरिक सुविधाएँ सही व व्यवस्थित ढंग से बहाल हों ,इस पर नजर होनी चाहिये।

2- समाज कल्याण के द्वारा बृद्धजनो को जो बृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है, उसका लाभ उन्हें मिल पा रहा है, उनके अशक्त होने पर बच्चे पेंशन स्वयं उपयोग कर रहे हैं,ऐसी स्थिति में बृद्धजन बदहाली का जीवन बिता रहे हैं। भोजन माँगकर कर खा रहे हैं। शरीर पर फटे पुराने कपड़े इस शीत और ठंड में उनकी पीडा को बढ़ा रहे है। जिलाधिकारी व समाज कल्याण अधिकारियों को स्थलीय भौतिक निरीक्षण करें ताकि पात्र व्यक्ति अपने जीवन की सुविधा से महरूम न रहे। राज्य सरकार भी समीक्षा सुनिश्चित करें।

--एस एम बिजल्वाण,रि.अपर जिला सूचना अधिकारी

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टिपरी के ग्रामीणों ने समिति पर लगाया गबन का आरोप

गढ़ निनाद समाचार 1फरवरी 2020

नई टिहरी: विकासखंड जाखणी धार अंतर्गत ग्राम सभा टिपरी के ग्रामीणों ने बहुद्देश्यीय साधन सहकारी समिति लिमिटेड बड़कोट के अंतर्गत ग्रामीण बचत केंद्र टिपरी पर ग्रामसभा के लाखों रुपये का गबन का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने डीएम को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें गबन का अंदेशा जताया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि  बड़कोट बहुद्देश्यीय साधन सहकारी समिति ने वार्षिक सामान्य बैठक में टिपरी के खाता धारको का संचालन नंदगाँव समिति से करने का निर्णय लिया गया। इस बारे में ग्रामसभा को नहीं बताया गया। जब ग्रामीण पैसे लेने नंदगाँव गये तो उन्हें उनका पैसा नहीं दिया जा रहा है ।

ग्राम प्रधान वीरेंद्र पंवार के नेतृत्व में खाताधारकों ने डीएम से मुलाकात कर पैसा लौटाने की मांग की। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बचत केंद्र टिपरी में गांव के बलवीर सिंह पंवार के 18 लाख ,दीवान सिंह सुरेंद्र सिंह के 9-9 लाख विक्रम सिंह के चार लाख, मखला देवी के 80 हज़ार, जूरी देवी के 70,विक्रम सिंह के 50, पूनम गुंदरा देवी के ₹20-20 हजार रुपये ,एफडी और सेविंग खातों में पैसे जमा थे। लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें पैसे नहीं दिए जा रहे हैं । बताया कि जब खाताधारकों ने सचिव अध्यक्ष से शिकायत की तो उन्होंने आंकिक पर लेखा-जोखा ठीक ना होने के कारण भुगतान में देरी होना बताया।

प्रधान वीरेंद्र कुमार ,जयवीर कुमार, दीवान सिंह, प्रताप गुसाई ने बताया कि ग्रामीण बचत केंद्र व साधन सहकारी समिति लिमिटेड से न्याय पंचायत के दर्जनों गांव जुड़े हैं ऐसे में अनेक गांवों के लोगों को पैसा गमन होने की आशंका है । उन्होंने बताया कि यह तो केवल एक ग्राम सभा का मामला है जबकि इस पंचायत समिति से कई ग्रामसभा जुड़ी हुई हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से इस मामले की तत्काल जांच करवाने ग्रामीणों का पैसा वापस लौटाने तथा दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।

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