अमेरिका में मोदी और ट्रंप की मीटिंग क्या हुई की पाकिस्तान उसे पचा नहीं पा रहा है। उसे यही लग रहा है कि अगले कुछ दिनों में आतंक का नाम लेकर भारत गुलाम कश्मीर पर हमला कर सकता है। मंगलवार को पाकिस्तान के जियो टीवी के कैपिटल टॉक कार्यक्रम में शामिल सुप्रीम कोर्ट के वकील अकरम शेख ने साफ तौर पर कहा कि भारत एक सप्ताह या 10 दिन में पीओके पर हमला कर सकता है। अकरम शेख का तर्क है कि अमेरिका के ह्यूस्टन में जिस तरह से मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी देखने को मिली है, उससे अब यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत अमेरिका को साथ में लेकर POK पर हमला कर सकता है।
कैपिटल टॉक के इस कार्यक्रम में मोहम्मद अली शेख, खुर्शीद महमूद कुरैशी भी मौजूद थे, इन सभी ने भी अपने-अपने विचार रखे। कैपिटल टॉक में मौजूद खुर्शीद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह से भारत से युद्ध करने के लिए सक्षम है। उसके पास खुद के डेवलप किए हुए टैंक और अन्य साजो सामान है। भारत के पास ऐसी चीजें नहीं है। भारत के पास 44 साल पुराने जहाज हैं। वो ये बातें कहकर खुद को भारत से अधिक मजबूत बताते रहे। ख़ुर्शीद हसन ने कहा कि हिंदुस्तान इस तरह का नहीं है कि वो रवायती जंग कर सके। वो वार नहीं कर सकता है। उनकी मिलिट्री उनको सलाह देगी कि युद्ध करना मुनासिब नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि जब 1965 में भारत-पाक की जंग हुई थी तो सेना प्रमुख ने कहा था कि वो ताशकंद हारने का राज बताऊंगें। राज ये था कि उन दिनों हमारे पास 17 दिन से ज्यादा लड़ने के लिए गोला बारूद नहीं था। मगर अब अगर जंग हुई तो दोनों तरफ तबाही होगी।
मोहम्मद अली शेख ने कहा कि दरअसल बीजेपी को देश की जनता ने बहुमत दिया है, इस वजह से वो अपने किए फैसले पर वापस नहीं हो सकते। सरकार ने कश्मीर में हालात को कंट्रोल में करने के लिए सेना की एक्सट्रा टुकड़ी लगा रखी है। यदि युद्ध हुआ तो वो वहां पर तैनात लाखों सैनिकों को सीमा पार करवा देंगे। जितने भी इलाके हैं वो ले लेंगे।
भारत ने पाकिस्तान के साथ जो समझौता किया था वो सब तोड़ दिया। उनके सामने अलग स्थिति है। अमेरिका को साथ लिया हुआ है। जहां तक ट्रंप की बात है वो भारत के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों भारत की सारी सियासत कश्मीर को लेकर ही है। वो कश्मीर को लेकर ही काम कर रहे हैं लेकिन वो पीछे नहीं हटेंगे। कश्मीर पर कब्जा कायम रहेगा। कश्मीर को बचाने के लिए फौज लगी हुई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए।