केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष "कुछ दिनों से मोबाइल कनेक्शन नहीं चलने को लेकर हल्ला कर रहा है, फोन की कमी से मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होता है।" शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 10,000 नए लैंडलाइन कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि बीते दो महीने में छह हजार पीसीओ दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में अब कोई प्रतिबंध नहीं है, और समूचे विश्व ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने का समर्थन किया है।
शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच अगस्त को लिए गए साहसिक कदम की वजह से जम्मू-कश्मीर अगले 5-7 साल में देश का सबसे विकसित क्षेत्र होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, "प्रतिबंध कहा हैं? यह सिर्फ आपके दिमाग में हैं, कोई प्रतिबंध नहीं हैं और सिर्फ दुष्प्रचार किया जा रहा हैं।" उन्होंने कहा कि कश्मीर में 196 थाना-क्षेत्रों में से हर जगह से कर्फ्यू हटा लिया गया है और सिर्फ आठ थाना-क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदियाँ लगाई गई हैं। इस धारा के तहत पांच या इससे ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं।
शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में दशकों से आ रहे आतंकवाद ने 41,800 लोगों की जान ली है, लेकिन किसी ने भी जवानों, उनकी विधवाओं या उनके अनाथ बच्चों के मानवाधिकार का मुद्दा नहीं उठाया।