मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार की तैयारियाँ पहले से ही कर ली जानी चाहिए। सर्दियों में फैलने वाले इन्फ्लुएंजा बीमारी से बचाव की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाई जाए। विशेष रूप से स्कूलों में जाकर दैनिक प्रार्थना के समय बच्चों को इसके बारे में बताया जाए कि किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से इससे बचा जा सकता है।
मुख्यमंत्री सीएम आवास में एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा से बचाव व उपचार की तैयारियों पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी भी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा को लेकर आम लोगों में भय न हो, इसके लिए बीमारी और इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा की बाजार में इसकी दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। परंतु यह दवा केवल डाक्टर का पर्चा दिखाने पर ही दी जा सकती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने ऐसे चिकित्सकों का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जो कि लम्बे समय से अनुपस्थिति चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेली मेडिसीन व टेली रेडियोलॉजी पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। जहां तक संभव हो, स्वास्थ्य केंद्रों को टेली मेडिसीन के लिए जिला अस्पतालों से जोड़ा जाए। इसका आकलन किया जाए कि प्रदेश में टेली मेडिसीन से लोगों को कितना लाभ मिल रहा है। इसमें और सुधार कैसे किया जा सकता है।
जिला अस्पताल में आईसीयू के काम में तेजी लाई जाए। इसके लिए आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए। हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों पर नजर रखी जाए। 90 प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लक्ष्य को हासिल किया जाना है। रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी पर लगातार नजर रखने के लिए उनके द्वारा ‘मां’ नाम से एप बनाया गया है। इसमें आशा कार्यकत्रि, गर्भवती महिला की जानकारी डालती है। इसका मैसेज डीएम, सीएमओ व संबंधित चिकित्साधिकारी के पास आ जाता है। इसका पूरा फोलोअप किया जाता है। संबंधित गर्भवती महिला को आवश्यक जानकारियाँ दी जाती हैं। प्रसव की प्रत्याशित तारीख से 10 दिन पूर्व फिर से जिलाधिकारी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के पास मैसेज आता है। इससे संबंधित का संस्थागत व सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो पाता है। इसी प्रकार ‘‘प्रत्याशा’’ के नाम से एक 6 बेड का विशेष वार्ड बनाया गया है। यहां घर जैसा माहौल दिया जाता है। इससे लोगों को किराए पर कमरा नहीं लेना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी पहल सभी जगह की जानी चाहिए।