मोदी सरकार के सौ दिन पूरा होने पर अपने मंत्रालय के काम काज का लेखा जोखा लेकर मीडिया के सामने आए एस जय शंकर ने कहा कि ग़ुलाम कश्मीर को लेकर हमारी स्पष्ट नीति है कि यह भारत का हिस्सा है और रहेगा जय शंकर का यह बयान ‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ का नारा लगा रहे पाकिस्तानी नेताओं के लिए एक झटका भी है और कूटनीतिक भाषा में गंभीर संकेत भी। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जिस तरह से भारत के साथ युद्ध जैसा माहौल बना रहे हैं उसी संदर्भ में जय शंकर के बयान को लिया जा रहा है।
विदेश मंत्री से पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान से अब सिर्फ गुलाम कश्मीर पर ही बात होगी। जय शंकर ने पाकिस्तान के साथ निकट भविष्य में बातचीत की संभावना को भी खारिज कर दिया। अगले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी और पाक के पीएम इमरान खान संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में होंगे। दोनों देशों के विदेश मंत्री भी वहां होंगे। जय शंकर ने कहा कि अभी जिस तरह का माहौल है उसे देखते हुए बातचीत संभव नहीं दिखती । पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ जय शंकर वहां सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद पाकिस्तान के पीएम ने कहा था कि भारत के साथ बातचीत की अब कोई गुंजाईश नहीं है। इस पर जय शंकर का कहना था कि बात अनुच्छेद 370 की नहीं है क्योंकि यह हमेशा से भारत के संविधान का अस्थाई प्रावधान रहा है। असल मुद्दा पाकिस्तान की तरफ से आतंकी ढांचे को खात्मा करने का है। दुख की बात यह है कि इस असली मुद्दे को लेकर पाकिस्तान कुछ नहीं कर रहा। विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर दुनिया के कुछ देशों या संस्थानों की तरफ से जो प्रतिक्रियाएँ आई हैं उसको लेकर भारत सरकार बहुत परेशान नहीं है। उन्होंने दूसरों को भी सलाह दी कि, कश्मीर पर दुनिया क्या सोचती है, इसको लेकर एक सीमा के बाद ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जो खुले आम अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अब भारत के पक्ष को ज्यादा बेहतर तरीके से समझा रहा है।