लखनऊ ब्यूरो
मलीहाबाद तहसील की लतीफपुर ग्राम पंचायत डिजिटल इंडिया के सपने को साकार कर रही है। इस काम को मुकाम तक पहुंचाया है, इंजीनियरिंग कर चुकीं युवा प्रधान श्वेता सिंह ने। उन्होंने कागज पर लिखा पढ़ी के बिना ही स्मार्ट गांव की इबारत लिख दी। उनकी इस कोशिश को सरकार ने भी सराहा है और लक्ष्मीबाई अवॉर्ड देकर उत्साह बढ़ाया। श्वेता नौजवानों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। खासकर वे जो नौकरी की तलाश में शहरों की अंधी दौड़ में व्यस्त हैं। श्वेता ने मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) की डिग्री ली। जिस वक्त उन्होंने यह कोर्स किया, तब नौकरियों की कमी नहीं थी। कई जगह से ऑफर आया। परिजनों और दोस्तों ने भी बड़े शहर की तरफ रुख करने की सलाह दी, लेकिन श्वेता कुछ अलग करना चाहती थीं।श्वेतासिंह रिकॉर्ड मतों से प्रधान बनी हैं। वर्ष 2008 में उनकी शादी हो गई, पेशे से किसान और खुद का व्यापार करने वाले पति अखिलेश सिंह ने भी उनका साथ दिया।
श्वेता इंजीनियर होने के चलते तकनीक को भली भांति समझती थीं। इसीलिए गांव के विकास के लिए उन्होंने इसका भरपूर प्रयोग किया।उत्तर प्रदेश केलतीफ पुर गांव को पहले डिजिटल गांव का दर्जा मिला, जिले में ई स्पर्श योजना पाने वाला पहला गांव बना। 1600 परिवारों के इस गांव में सभी पात्रों को पेंशन मिलती है और 100 फीसद लोगों के पास राशन कार्ड, गैस कनेक्शन है।गांव की सभी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज होती हैं।