देहरादून-(ब्यूरो) केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सितम्बर में इसरो द्वारा उत्तराखंड की नदियों की मैंपिंग की जायेगी। इससे नदी के सतह पर जमा खनिज की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही उसके वैज्ञानिक दोहन के लिये पारदर्शी प्रक्रिया व आधुनिक तकनीक युक्त उपकरण के माध्यम से निकासी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इससे राज्य को फायदा मिलेगा| ये बात केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही| त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिष्टाचार भेंट के दौरान वन एवं पर्यावरण से संबंधित राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी|
केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि एक हेक्टेयर तक के वन भूमि के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये रीजनल आफिस अब डिसीजन आफिस के रूप में कार्य करेंगे। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि वन क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत विस्तार एवं डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के विकास से संबंधित प्रस्तावों को संबंधित संरक्षित क्षेत्र की संस्तुति के साथ प्रेषित किया जायेगा| केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह भी आश्वासन दिया कि डिग्रेटेड फॉरेस्ट में राज्य की योजनाओं के लिये भी क्षति पूर्ति वृक्षारोपण की अनुमति दी जायेगी। अभी तक इसमें केन्द्र की योजनाओं के लिये ही व्यवस्था रही है। 1000 मीटर तक के ऊंचाई पर ग्रीन पातन की छटाई के संबंध में आवश्यक स्वीकृति प्रदान करने का भी केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने केम्पा के अधीन उपलब्ध धनराशि के उपयोग के लिये 30 सितम्बर के बाद भी व्यय की अनुमति प्रदान करने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।