नई टिहरी (गोविंद पुण्डीर) देवप्रयाग से एन सी सी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट करने की घोषणा से जहाँ देवप्रयाग, कीर्ति नगर, जाखणीधार ही नही पूरे टिहरी जनपद में रोष है, धरना प्रदर्शन जारी है वहीँ एका एक कुमाऊँ से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी अपनी विधानसभा डोईवाला के रानीपोखरी में खोलने की घोषणा के साथ ही शिलान्यास भी कर दिया इस घटना ने जहाँ आग में घी डालने का काम किया है वहीँ मुख्यमंत्री त्रिंवेंद्र रावत पर एक और पक्षपात करने का आरोप लग गया है।
विदित हो कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भवाली नैनीताल के लिए स्वीकृत हुई थी लेकिन वहां के जिलाधिकारी जमीन उपलब्ध नही करा पाए थे। इस पर हाइकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी उद्दमसिंह नगर ने किच्छा में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी जसकी रजिस्ट्री शिक्षा विभाग के नाम भी हो गयी । लेकिन मुख्यमंत्री ने आनन फ़ानन ने डोईवाला के लिये प्रस्ताव पास करा लिया । इसके घोषणा के बाद से कुमायूं के लोगों में भी रोष है। सरकार के इस प्रयास से नाराज अधिवक्ता डॉ0 भूपाल सिंह भाकुनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। उनका आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने के बाद याचिका पर निर्णय होने से पहले ही मुख्यमंत्री ने मन्त्रिमण्डल की बैठक कर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास रानीपोखरी में कर दिया। दरअसल में मुख्यमंत्री त्रिंवेंद्र रावत महत्वपूर्ण संस्थानों को गढ़वाल और कुमायूं से हटा कर अपने गृह जनपद अथवा अपनी विधानसभा ले जाने का काम कर रहे हैं जो कि न्यायोचित नही है।