94वां सैन्य नर्सिंग सेवा स्थापना दिवस 1 अक्टूबर, 2019 को मनाया गया। इस अवसर पर फ्लोरेंस नाइटएंगल शपथ का पाठन करके नर्सिंग अधिकारियों ने अपने मरीजों की उच्च गुणवत्ता वाली निस्वार्थ सेवा-सुश्रुषा की प्रतिबद्धता दोहरायी। अतिरिक्त महानिदेशक (एमएनएस) मेजर जनरल जॉयस ग्लेडिस रोश और प्रिंसीपल मेट्रन, आर्मी हॉस्पिटल (रेफेरल एंड रिसर्च) मेजर जनरल सोनाली घोषाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की।
स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आर्मी हॉस्पिटल (रेफेरल एंड रिसर्च) द्वारा आयोजित समारोह में सेना प्रमुख मुख्य अतिथि रहे। गौर हो कि एमएनएस सशस्त्र बलों का एकमात्र महिला कोर है। तत्कालीन बंबई में 10 प्रशिक्षित ब्रिटिश नर्सों के पहले आगमन के साथ 28 मार्च, 1888 को यह अस्तित्व में आया था। इसकी स्थापना भारत में सैन्य अस्पतालों में नर्सिंग गतिविधियों के लिए की गई थी। वर्ष 1893 में इसका नाम इंडियन आर्मी नर्सिंग सर्विस (आईएएनएस) और 1902 में इसका नाम क्वीन एलेक्जांड्रा मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (क्यूएएमएनएस) कर दिया गया था। वर्ष 1914 में पहली बार नर्सों को भारत में पंजीकृत किया गया और उन्हें क्यूएएमएनएस से जोड़ा गया था।
1 अक्टूबर, 1926 को भारतीय टुकड़ियों के लिए एक स्थायी नर्सिंग सेवा बनायी गयी और उसे इंडियन मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (आईएमएनएस) का नाम दिया गया। 15 सितंबर, 1943 में आईएमएनएस अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारी बने और उन्हें कमीशन अधिकारी बनाया गया। संगठन का नेतृत्व सेना मुख्यालय में एडीजीएमएनएस द्वारा किया जाता है, जो मेजर जनरल का पद होता है। इसी तरह कमान स्तर पर इसका नेतृत्व ब्रिगेडियर एमएनएस द्वारा किया जाता है। यह ब्रिगेडियर के पद के बराबर होता है।