देहरादून* गद निनाद। सूचना आयोग ने उस अपील का निस्तारण कर दिया, जिसमें विजिलेंस (सतर्कता निदेशालय) ने आरटीआइ में सूचना देने के इन्कार कर दिया था। हाईकोर्ट से विजिलेंस को राहत न मिलने पर राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने विजिलेंस को सूचना देने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही करीब तीन साल तक आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्र शेखर करगेती को विजिलेंस निदेशालय समेत सतर्कता विभाग (शासन) व सुराज भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जन सेवा विभाग को 22 हजार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति देने के आदेश भी दिए।
चंद्र शेखर करगेती ने विजिलेंस निदेशालय से वर्ष 2016 में आरटीआइ में भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेशभर के अधिकारियों पर की गई कार्रवाई आदि की जानकारी मांगी थी। आरटीआइ के आवेदन पर निदेशालय ने दो टूक जवाब देकर इन्कार कर दिया था। इसके बाद जब यह मामला सूचना आयोग में गया तो वर्ष 2017 में तत्कालीन सूचना आयुक्त सुरेंद्र सिंह रावत ने विजिलेंस को भ्रष्टाचार से संबंधित सूचना देने के आदेश पारित किए थे। इसी के साथ आरटीआइ कार्यकर्ता करगेती ने सतर्कता विभाग (शासन) व सुराज भ्रष्टाचार उन्मूलन विभाग से भी जानकारी मांगी। किसी भी आवेदन पर उन्हें सूचना नहीं मिल पाई। दूसरी तरफ सूचना आयोग के निर्णय के खिलाफ विजिलेंस निदेशालय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। सिंगल बेंच में निदेशालय के खिलाफ आदेश आने पर डबल बेंच में भी याचिका दायर की गई। यहां से भी निदेशालय को राहत नहीं मिल पाई। इसी के साथ हाईकोर्ट से सूचना आयोग को कार्रवाई की अनुमति मिल जाने के बाद राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने सुनवाई शुरू की। अब प्रकरण का निस्तारण करते हुए आयोग ने आदेश दिया कि अपीलार्थी को मांगी गई सभी सूचनाएं उपलब्ध करा दी जाएं।