Deepawali Special
दीप+आवली अर्थात दीपावली। शुभ मुहूर्त, पूजन और महत्व
दीपावली का त्योहार इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चित्रा नक्षत्र में 27 अक्टूबर 2019 को है। दिवाली में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। इसकी तैयारी बहुत पहले से होने लगती है। मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं। दीपावली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा स्थिर लग्न में होनी चाहिए। वृष और सिंह लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा स्थिर लग्न में करने से उनका स्थायी निवास बन जाता है। इसलिए स्थिर लग्न और प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त होते हैं।
लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त एवम लक्ष्मी पूजन की विधि
धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्ति खरीदकर दीपावली की रात उसका पूजन किया जाता है. दीवाली के दिन इस तरह करें महालक्ष्मी की पूजा: अमावस्या तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से अमावस्या तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर 2019 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक लक्ष्मी पूजा मुहुर्त: 27 अक्टूबर 2019 को शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 12 मिनट तक कुल अवधि: 01 घंटे 30 मिनट
घर में धन-संपदा और सुख-शान्ति प्राप्त करने के लिए इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा का फल तब ही मिलता है जब पूजा पाठ नियम से किया जाएं। मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ चीज़ें ऐसी है जिनका प्रयोग करने से धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं, इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं
लक्ष्मी को तुलसी से वैर है क्योंकि यह भगवान विष्णु के दूसरे स्वरूप शालिग्राम की पत्नी है। इस नाते तुलसी देवी लक्ष्मी की सौतन है। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
दीपक को बायीं ओर न रखें
देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक को दायीं ओर रखें। दीपक बायीं ओर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाहिए।
सफेद फूल न चढ़ाएं
देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं इसलिए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है।
भगवान विष्णु की पूजा करना न भूलें
दीपावली की शाम गणेश जी की पूजा के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें।
प्रसाद रखें दक्षिण दिशा में
देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्षिण दिशा में रखें और फूल बेलपत्र हमेशा सामने रखें।
शुभम करोति कल्याणम, अरोग्यम धन संपदा, शत्रु-बुद्धि विनाशायः, दीपःज्योति नमोस्तुते !
दीपावली का यह पर्व आपके जीवन को सुख, समृद्धि, सुख-शांति, सौहार्द एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करे।
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