चम्बा पावर हाउस से नागणी, जड़धार गाँव फीडर पर कल सुबह 8:30 AM से लेकर शाम 6 बजे तक विधुत कटौती यानी ब्लैक आउट चला और आज भी सुबह 8 बजे फिर कटौती शुरू । पॉवर हाउस में फ़ोन करने पर पता चला कि वंहा कार्य चल रहा है बगैर किसी सूचना के क्या ये न्याय संगत है। और क्या कस्बों और शहरों के बड़े लोगों को सूचना देकर टाइम और दिन बता दिया जाता है लेकिन गांव के लोगों को लगता है इंसानो की श्रेणी में गिना ही नही जाता ऐसा भेदभाव क्यों। क्योंकि लोग गांव में चुप रहते हैं? कागजो में तो भारत गांव का देश है फिर गांव के साथ ऐसा क्यों ?
अधिशासी अभियंता महोदय बहुत खेद के साथ लिखना पड़ रहा है कि गांव के लोग भो अपने छोटे छोटे काम बिजली से करते है । उनकी आजीविका भी बिजली से जुड़ी हुई है किसी की चक्की है, लोग 5 से 7 किलोमीटर दूर गाड़ी का किराया देकर चक्की में गेंहू पिसाने ले जाते है दिन भर बिजली का इंतजार करते है और अंत मे पूरा दिन और पैसा बर्बाद कर शाम के खाली हाथ घर लौटते है। किसी का कोल्हू है किसी का फर्नीचर का काम है, कोई वायरमैन है बहुत सारे ऐसे छोटे छोटे काम ग्रामीण भी करते है। आप भी भली भांति इन चीजों से वाकिफ है। लोग दिन भर इंतजार करते है कि बिजली अभी आती है तभी आती है। क्या उपभोक्ता को ये जानने का अधिकार नही कि उसके साथ ये नाइंसाफी क्यों । क्या ये विधुत विनियामक द्वारा उपभोक्ता के हक में बनाये गए कि सारे नियमों का उल्लंघन नही है?
अधिशासी अभियंता महोदय हमें ये भी अच्छी तरह पता है कि विधुत ट्रांसमिशन में कई तरह की मशीनों का इस्तेमाल होता है । जिनमे खराबी भी आती है उनकी मरम्मत भी होती है और विधुत कटौती भी करनी पड़ती है, पर इससे पूर्व उपभोक्ता को सूचना देना उसके अधिकारों का हिस्सा है और विभाग की जिम्मेदारी है। महोदय टिहरी जिले का शौभाग्य है कि टिहरी जिले में उत्तराखंड राज्य ही नही देश का पहला गढ़वाली चैनल FM 90.4 MHz सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी स्टेशन है जो गांव गांव में सुना जाता है। और त्वरित सूचना का सबसे प्रभावी माध्यम जिले में मौजूद है। फिर भी आपके विभाग के माध्यम कभी इस रेडियो स्टेशन का इस्तेमाल नही किया गया । यंहा पर बहुत सारी सूचनाएं विज्ञापन के रूप में प्रसारित होती है तो कई सूचनाएं निशुल्क भी प्रसारित की जाती है लेकिन विभाग की तरफ से कभी इस बाबत कोशिश ही नही की गई । महोदय ये सारी बातें मैं व्यक्तिगत अनुभव से नही लिख रहा हूँ बल्कि हेंवलवाणी रेडियो स्टेशन में इस तरह का दर्द बहुत से गांव के लोग विधुत समस्याओं को लेकर फोन करके टेलीफोनी कार्यक्रम में बयां करते हैं। *उम्मीद है आगे कुछ सकारात्मक पहल विभाग द्वारा होगी*
राजेन्द्र नेगी, केंद्र निदेशक सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी,चम्बा टिहरी गढ़वाल
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