6 महीने में 958 करोड़ का घोटाला?

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सनसनीखेज घोटाला नई दिल्ली ब्यूरो। मोदी सरकार में भी पिछले छह महीने के अंदर भारतीय बैंकों में हुए 958 अरब रुपये के घोटाले: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में एक सवाल के जवाब में दी यह जानकारी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में बताया कि देश के सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच कुल 958 अरब रुपये के घोटालों की शिकायतें दर्ज कराई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सभा को बताया कि सरकारी बैंकों ने छह महीने के इस अंतराल में घोटाले व धोखाधड़ी के 5743 शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें से ज्यादातर मामले पिछले सालों में हुई गड़बड़ियों के हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक, इस साल 1000 मामलों में 25 अरब रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने सबसे ज्यादा 254 अरब रुपये के घोटाले की शिकायत की है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक ने 108 अरब रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 83 अरब रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है। बैंकरों ने इसके लिए लचर नियमों और बैंक अधिकारियों की धोखेबाजों के साथ मिली भगत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में निष्क्रिय हो चुकी कंपनियों के 3.38 लाख बैंक खातों को सीज कर दिया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 2016 में एक सख्त दिवालिया व ऋणशोधन अक्षमता कानून और भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून पारित कराए हैं। बता दें कि देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी ने अपने अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत का सबसे ज्यादा14 हजार करोड़ का नुकसान उठाया है। यह नुकसान फ़र्जी बैंक गारंटियों के चलते उठाया है। पिछली सरकार महंगाई औऱ भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबने के कारण ही मोदी सरकार सत्तासीन हो पाई थी मगर महंगाई औऱ भ्रष्टाचार के मामले में यह सरकार चार कदम आगे निकल गयी है। अभी भी सोचने और सम्भलने का वक्त है। सरकार को अपनी छवि धूमिल होने से बचाना होगा ।

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