दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा फैसला- अयोध्या विवाद का फैसला आ चुका है। यह फैसला 5-0 (यानी सभी पांचों न्यायाधीशों एक मत) से आया है। किसी में भी फैसले को लेकर कोई मतभिन्नता नही है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ-साथ अन्य चार न्यायाधीशों एस ए अरविन्द, वाई डी चन्द्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की फैसले के प्रति एक राय है।
मुख्य न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि राम जन्मभूमि कोई न्यायिक व्यक्ति नही है। फैसले के मुख्य बिंदु:
- निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज
- सुनी पक्ष का दावा खारिज
- विवादित जमीन रामलला पक्ष को मंदिर निर्माण के लिए
अयोध्या में विवादित जमीन रामलला को दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार तीन महीने में मन्दिर की कार्ययोजना बनाएं। 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर ही मन्दिर बनेगा। - पांच एकड़ वैकल्पिक ज़मीन मुस्लिम पक्ष को
पांच एकड़ वैकल्पिक ज़मीन मुस्लिम पक्ष को भी मिलेगी।
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