अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद अब फैसला सुनाया जाना बाकी है जिसका काउंट डाउन शुरू हो चुका है । उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने से पहले सुरक्षा तैयारियों के तहत केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। साथ ही रेलवे पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है।
गृह मंत्रालय के सुत्रों के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है, जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है।
ज्ञातव्य है कि सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।इससे पहले फैसला सुनाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अयोध्या मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने अपने मंत्रियों से इस विषय पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द कायम रखने को कहा था। दरअसल, राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले शीर्ष न्यायालय के अपना फैसला सुनाने की संभावना है। बताते चलें कि न्यायमूर्ति गोगोई उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसने कई हफ्तों तक मामले की सुनवाई की।
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