संविधान का आदर के साथ करें पालन-जिला जज
जिला न्यायालय में मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता गोष्ठी का आयोजन
जिला जज कुमकुम रानी ने कहा कि सभी को आदर के साथ संविधान का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह बात आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को लेकर आयोजित गोष्ठी में कही।
जिला जज कुमकुम रानी ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देश पर भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक गोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। जिला जज ने कहा कि हमें मौलिक अधिकारों से ज्यादा मौलिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, क्योंकि कर्तव्यों का पालन होते ही अधिकार स्वंय प्राप्त हो जाऐंगे। कहा कि संविधान में मूल कर्तव्यों का उल्लेख 42वें संविधान संशोधन के द्वारा 1976 में जोड़ा गया था, लेकिन 11वां मौलिक कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन से जोड़ा गया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शांति भट्ट ने कहा कि संविधान का भाग 3 और 4 बहुत महत्वपूर्ण है। भाग 3 में 6 अधिकार हैं, तो भाग 4 के अनुच्छेद 51 क में 11 मौलिक अधिकार हैं। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 एवं 226 में याचिकाएं जारी करने का प्रावधान है। लेकिन मौलिक कर्तव्यों को प्रर्वतनीय नहीं बनाया गया है।
गोष्ठी में विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अशोक कुमार, सीजेएम राहुल कुमार श्रीवास्तव, सिविल जज संदीप शर्मा, बार एशोसिएशन के अध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट, सचिव राजपाल मिंया, शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र रावत, आनंद सिंह बेलवाल, केशर सिंह राणा, ज्योति प्रसाद भट्ट, मृदुला जैन, दिनेश सेमवाल, महावीर उनियाल, राजेन्द्र डोटियाल आदि मौजूद थे।