राज्यों में ग्राम न्यायालय गठित नहीं होने पर 'सुप्रीम' फटकार, लगाया 1-1 लाख रुपये का जुर्माना
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गढ़ निनाद ब्यूरो।
दिल्ली: भारत की संसद में सन 2008 में सभी राज्यों में ग्राम न्यायालय के गठन को लेकर कानून पास हुआ था। यह कानून 2 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आया था। ग्राम न्यायालय का गठन नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने जवाब नहीं देने पर जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई की और असम, चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एक महीने में ग्राम न्यायालय का गठन और नोटिफाई करने का आदेश दिया है। संसद ने साल 2008 में कानून पारित किया था, जिसमें जमीनी स्तर पर ग्राम न्यायालय बनाने का प्रावधान था, ताकि लोगों को जल्द न्याय मिल सके। यह कानून 2 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आया था। लेकिन यह ठीक तरह से लागू नहीं हो पाया।सुत्रों के अनुसार सितंबर 2019 तक देश में कुल 209 ग्राम न्यायालय ही काम कर रहे हैं, जबकि लक्ष्य पांच हज़ार न्यायालय बनाने का था। इस फटकार के बाद राज्यों में हड़कंप मचा है।