जिलाधिकारी ने ली मुख्यमंत्री की घोषणाओं से समन्धित समीक्षा बैठक


  • जिलाधिकारी डाॅ0 वी0 षणमुगम ने मुख्यमंत्री द्वारा जनपद भ्रमण के दौरान की गयी घोषणाओं की समीक्षा बैठक ली। समीक्षा के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों के द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि वन विभाग में नोडल स्तर पर बार-बार आपत्ति लगाकर वन भूमि हस्तान्तरण विषयक पत्रावलियों को विभाग को वापस लौटा दिया जाता है जिससे विकास कार्य लम्बी अवधि तक लम्बित पड़े रहते है वन विभाग द्वारा नोडल स्तर पर किसी भी प्रकार का सहयोग विभागों को नहीं किया जाता है। जिस पर जिलाधिकारी ने टिहरी वन प्रभाग के डीएफओ कोकोरोशे एवं नरेन्द्रनगर वन प्रभाग के एसडीओ डीपी बलूनी को निर्देश दिये कि वे केन्द्र स्तर पर अपने उच्चाधिकारियों को तत्काल ही इस मामले से अवगत करायें ताकि नोडल स्तर पर वन भूमि हस्तान्तरण मामलों पर शीघ्र कार्यवाही हो सके। 


        जिलाधिकारी द्वारा नैलचामी के थार्ती गांव में बादल फटने से जखन्याली में नौताड़ तोक में लगा पैदल पुल ध्वस्त होने पर वन विभाग द्वारा आवागमन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था न किये जाने पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की गयी तथा डीएफओ कोकोरोशे को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दियेे जिलाधिकारी द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रान्तर्गत खेल स्टेडियम सम्बन्धी घोषणाओं पर जिला युवा कल्याण विभाग द्वारा जमीन उपलब्ध न होने का बहाना बनाकर स्वीकृत धनराशि वापस शासन को लौटायी गयी जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सहायक जिला युवा कल्याण अधिकारी पंकज तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
          नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा मुनिकीरेती, देवप्रयाग व कीर्तिनगर के अधिशासी अधिकारियों को साॅकपिट सर्वे हेतु तत्काल ही टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये ताकि सेपरेट प्रोटोकाॅल मैनेजमेंट कमेटी के तहत बनाये गये नियमों के अनुसार साॅकपिट मलबे की डम्पिंग निर्धारित स्थल पर होना सम्भव हो सकें। वहीं जिलाधिकारी द्वारा नमामि गंगे परियोजना समिति के सदस्यों को जनपद के क्षेत्रान्तर्गत गंगा नदी घाटों पर गंगाजल की गुणवत्ता मानकों को दर्शाने वाला ईलेक्ट्रिक डिस्प्ले बोर्ड चस्पा किये जाने के निर्देश दिये ताकि लोगों को जानकारी रहे कि गंगाजल पीने लायक अथवा स्नान करने लायक स्थिति में है अथवा नहीं। 

     जिलाधिकारी ने मुख्यचिकित्साधिकारी एवं नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को बायोमेडिकल वेस्ट एवं नगरों के कूड़े कचरे को निर्धारित डम्पिंग जोन में डाले जाने सम्बन्धी कार्यो के फोटोग्राफ जिलाधिकारी वाटसअप ग्रुप में डाले जाने के निर्देश दिये। साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि वह जनपद के सभी पीएचसी एवं सीएचसी प्रभारियों को निर्देशित कर दें कि सम्बन्धित चिकित्सालयों के बायोमेडिकल वेस्ट को नगर निकायों के कूड़ेदानों में न डाला जाय। साथ ही अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि कोई चिकित्सालय कर्मी ऐसा करते हुये पकड़ा जाता है तो सम्बन्धित कर्मी पर जुर्माना लगाया जाय। जिलाधिकारी ने जनपद के पर्यावरण मित्रों का आहवान किया है कि वे बायोमेडिकल डम्पिंग कार्यो की निगरानी करें। जो पर्यावरण मित्र बायोमेडिकल वेस्ट को नगर निकायों के कूड़ेदानो में डालने वाले व्यक्ति को पकड़ेगा जिला प्रशासन द्वारा उस पर्यावरण मित्र को सम्मानित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने ईई सिंचाई विजेन्द्र कुमार सिंह को कोटेश्वर घाट का जिला पंचायत के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षणकर घाट जिला पंचायत के सुपुर्द करने के निर्देश दिये।

     बैठक डीएफओ कोकोरोशे, सीएमओ भागीरथी जंगपांगी, अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि एनपी सिंह, प्रभारी एडीएम रजा अब्बास, पीडीडीआरडीए भरत चन्द्र भट्ट, ईई ग्रानिवि के युवराज सिंह, ईई पेयजल निगम रकमपाल, ईओ राजेन्द्र सजवाण, बीपी भट्ट आदि उपस्थित थे।            

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